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अगस्त महीने में खेती किसानी से संबंधित अहम कार्य जिनसे किसानों को होगा बेहतरीन फायदा

अगस्त महीने में खेती किसानी से संबंधित अहम कार्य जिनसे किसानों को होगा बेहतरीन फायदा

अगर आप भी आने वाले महीने यानी की अगस्त माह में अपनी फसल व पशुओं से अच्छा लाभ चाहते हैं, तो यह कार्य जरूर करें। किसानों को फसल से अच्छा मुनाफा पाने के लिए खेत पर सीजन के अनुसार ही फसलों की रोपाई करनी चाहिए। जिससे कि वह समय पर अच्छा लाभ और साथ ही अच्छी उत्पादन बढ़ा सके। इसी कड़ी में आज के इस लेख में हम आपके लिए अगस्त माह के कृषि कार्य की संपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं। तो आइए इनके बारे में जानते हैं, सबसे पहले अगस्त माह की फसलों के विषय में जानने का प्रयास हैं।

अगस्त महीने में खेती किसानी से जुड़े संबंधित कार्य

धान, सोयाबीन, मूँगफली और सूरजमुखी से जुड़े कार्य

धान इस वक्त धान की रोपाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे कि आप इससे अच्छी पैदावार ले सको। सोयाबीन की फसल अगस्त माह में किसानों को अपनी
सोयाबीन की फसल बुआई पर सबसे अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता है। साथ ही, इनके रोग पर नियंत्रण करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके लिए आप डाईमेथोएट 30 ई.सी. की एक लीटर मात्रा 700-800 लीटर पानी में घोल कर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। मूंगफली की बात की जाए तो इस माह में मूंगफली के खेत में मिट्टी चढ़ा देनी चाहिए। सूरजमुखी की ओर ध्यान दें तो अगस्त माह में किसानों को खेत में सूरजमुखी के पौधे लाइन से लगाने चाहिए। ध्यान रहे कि पौधों का फासला कम से कम 20 सेमी तक कर होनी चाहिए।

बाजरा, गोभी, बैगन, कद्दू और अगेती गाजर से जुड़े कार्य

बाजरा की बात की जाए तो इस दौरान बाजरे के कमजोर पौधों को खेत से निकालकर फैंक देना चाहिए। पौधों से पौधों की दूरी 10-15 सेंमी तक होनी चाहिए। अरहर के लिए अगस्त में अरहर फसल के खेत में निराई-गुड़ाई करके आपको खरपतवार को निकाल देना है। बतादें, कि रोग निवारण के उपायों को अपनाना चाहिए। गोभी की बात की जाए तो इस महीने में गोभी की नर्सरी की तैयार करनी चाहिए। अगस्त में अगेती गाजर की बुवाई चालू कर देनी चाहिए। कद्दू की बात करें तो इस समय आपको मचान बनाकर सब्जियों पर बेल चढ़ा देनी चाहिए। बैंगन की सब्जी में इस समय बीज उपचारित करके फोमोप्सिस अंगमारी तथा फल विगलन की रोकथाम करें।

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आम और नींबू से संबंधित कार्य

आम की बात करें तो अगस्त महीने में आपको आम के पौधों में लाल रतुआ एवं श्यामवर्ण (एन्थ्रोक्नोज ) की बीमारी पर कॉपर ऑक्सिक्लोराइड (0.3 प्रतिशत ) दवा का छिड़काव करना चाहिए। नींबू के लिए अगस्त महीने में नींबू में रस चूसने वाले कीड़े आने पर मेलाथियान (2 मिली/ लीटर पानी) का छिड़काव अवश्य करें। किसान भाई हमेशा पारंपरिक खेती करके किसान ज्यादा मुनाफा नहीं उठा सकते हैं।

अगस्त माह के दौरान पशुपालन से संबंधित में कार्य

अगस्त माह में पशुपालन से संबंधित बात करें तो इस महीने में पशुओं को सबसे ज्यादा मौसम से जुड़ी बीमारी का खतरा होता है। क्योंकि, अगस्त माह में भारत के विभिन्न राज्यों में बारिश का सिलसिला सुचारु रहता है। इससे बचने के लिए पशुपालक भाइयों को विभिन्न प्रकार के अहम कदम अवश्य उठाने चाहिए। इसके अतिरिक्त सुनील ने यह भी कहा है, कि पशुओं में छोटा रोग भी होने पर उसका अतिशीघ्र उपचार करें, जिससे कि वह फैल कर बड़ा रूप ना ले पाए।
जानिए बारिश के दिनों में उगाए जाने वाले इन 10 फूलों के बारे में

जानिए बारिश के दिनों में उगाए जाने वाले इन 10 फूलों के बारे में

बारिश का मौसम आने पर हमारे आसपास के परिवेश में हरियाली छा जाती है। साथ ही, बहुत सारे लोग अपने घर एवं बगीचे में पौधे लगाते हैं। फूलों के पौधे घरों में हरियाली के लिए एवं ताजगी के लिए लगाए जाते हैं। वर्षा के दिनों पेड़ और पौधों में रौनक सी आ जाती है। बारिश का मौसम पेड़ और पौधों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद भी होता है। इस लेख में हम आपको ऐसे 10 फूलों के पौधों के विषय में बताएंगे, जिनको हम आसानी से अपने घर में लगा सकते हैं।

गुल मेहँदी

गुल मेहँदी के पौधे खुशबूदार एवं सदाबहार होते हैं। इसकी लम्बाई 20-60 सेंटीमीटर तक ऊंची होती है। साथ ही, गुलमेहंदी के पत्ते सुई के आकार के होते हैं। इसके फूल सर्दी अथवा वर्षा ऋतु में खिलते हैं, जिनका रंग बैंगनी, गुलाबी, नीला अथवा सफेद होता है।

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गेंदे का फूल

बाजार में रंग-बिरंगे तथा छोटे-बड़े समस्त प्रकार के फूलों के पौधे उपलब्ध हैं। इनमें गेंदे का पौधा काफी ज्यादा आकर्षक एवं खूबसूरत होता है। भारत में गेंदे का पौधा सर्वाधिक लगाए जाने वाले पौधों में से एक है। गेंदे के फूल 50 तरह से भी ज्यादा होते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा पाए जाने वाले गेंदे के फूल सिग्नेट मेरीगोल्ड‌, इंग्लिश मेरीगोल्ड, अमेरिकन मेरीगोल्ड और फ्रेंच मेरीगोल्ड के होते हैं. इनमें से अमेरिकन और फ्रेंच मेरीगोल्ड की सुगंध बहुत लुभावन होती है.

कॉसमॉस

कॉसमॉस का पौधा हल्का सा नाजुक होता है। यह गेंदे के फूल जैसा ही नजर आता है। इसमें गुलाबी, बैंगनी एवं सफेद आदि रंग के फूल लगते हैं। इसका पौधा 6-7 फिट लम्बा होता है।

सूरजमुखी

सूरजमुखी फूल की सबसे बड़ी खासियत यह है, कि यह फूल सूरज के चारो तरफ घुमता है। यानि जिस-जिस ओर सूर्य घुमता है, इसलिए इसका नाम सूरजमुखी है. सुरजमुखी का फूल देखने में बहुत आकर्षक होता है।

जिन्निया

एक खूबसूरत फूल है जो अक्सर बाग बगीचों में देखा जा सकता है। यह एक तेजी से बढ़ने वाला फूल है, जिसकी बागवानी बहुतायत से की जाती है। जिन्निया के फूलों का रंग उसकी किस्म के अनुरूप भिन्न भिन्न होता है। जिन्निया फूल बेंगनी, नारंगी, पीले, सफेद और लाल आदि रंग में होते हैं। कुछ जिन्निया किस्म के पौधों पर बहुरंगी फूल भी आते हैं।

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क्लियोम

विभिन्न स्थानों पर क्लियोम पौधे को मकड़ी के फूल, मकड़ी के पौधे अथवा मधुमक्खी के पौधे के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यह फूलों के गुच्छों वाला एक लंबा कांटेदार पौधा है। इस पौधे पर गुलाबी एवं हल्के बैंगनी रंग के सुगंधित फूल खिलते हैं। इसके अतिरिक्त इसे सब्जी के बगीचे में लगाने के बेहद फायदे हैं, क्योंकि यह फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले खराब कीड़ों को दूर भगाने में सहायक है।

साल्विया

इस फूल के पौधे लम्बे, बौने एवं झाड़ीदार होते हैं। छोटे आकार के इस पौधे में कटीले पर हर तरफ ढेर सारे फूल निकलते हैं, जो कई दिन तक बने रहते हैं।

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पोर्टूलाका

उत्तर भारत मे इसे लक्ष्मण बूटी भी कहा जाता है। यह प्रातः काल धूप निकलने के साथ खिलता है एवं शाम को सूर्यास्त के लगभग मुरझा जाता है। इस पौधे के फूल के रंग शानदार होते हैं। साथ ही, यह सफेद, बैंगनी, पीले, लाल और नारंगी रंगों में मौजूद होते हैं।

एग्रेटम

एग्रेटम हौस्टोनियानम, मेक्सिको में सबसे ज्यादा लगाए जाने वाले एग्रेटम किस्मों में से एक है। एग्रेटम नीले, गुलाबी अथवा सफेद रंग के विभिन्न रंगों में नरम, गोल फूल पेश करते हैं। नीले एग्रेटम फूल की 60 से ज्यादा किस्में उपलब्ध हैं, जो अक्सर पूर्णतय विकसित होने पर केवल 6 से 8 इंच तक ही पहुंचती हैं।